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Satyajit Swain

Inspirational

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Satyajit Swain

Inspirational

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं

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अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं 

ना किसी का डर है 

ना किसी की फिकर है 

अपने सपनों को पूरा करने को, 

हर किसी से लड़ पड़ता हूं 

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं।।


अब ना दिल में किसी की याद है 

ना किसी से कोई फरियाद है 

बस अपनी पंखों से आसमान

चिर उड़ता हूं, 

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं।।


कुछ अपने थे जो पराये हुए 

अब दिल में उम्मीद की चिराग

जलाये हुए 

अपनी तकदीर खुद ही लिखने

को बढ़ता हूं, 

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं।।


पुराने किताब सब कोरे हुए

अब ज़िन्दगी की नयी किताब

पढ़ता हूं, 

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं 

अब तो यूँ ही चल पड़ता हूं ।।



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