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Satyajit Swain

Classics Fantasy

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Satyajit Swain

Classics Fantasy

*नजाने क्या बात है*

*नजाने क्या बात है*

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नजाने क्या बात है

दरवाजा आज़ क्यों शोर मचाए ?

न जाने क्या बात है ?  


तरसती निगाहों की आश में, 

क्या ज़रूरी कोई मुलाक़ात है ? 

भरने दिल की प्यास को

आख़िर क्या आई बरसात है ? 


दरवाजा आज़ क्यों शोर मचाए ? 

न जाने क्या बात है ? 

मधुमय करते इन खास पलों को 

क्या आई चांदनी रात है ? 


दरवाजा आज़ क्यों शोर मचाए ? 

न जाने क्या बात है ? 

ओढ़ने तेरी यादों की कम्बल 

क्या आई जाड़े की रात है ? 


दरवाजा आज़ क्यों शोर मचाए ? 

न जाने क्या बात है ? 


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