सुरभित शीत
सुरभित शीत
सुरभित शीत बयार,
घन गरजे चपला संग,
आने को बरसात,
विरहनी भरा मन उमंग।
ताड़-तरु खग-विहग
संग पूर्वा,लगी गाने,
कूके कोयल, मोर,
प्रकृति भी नाचे संग-संग।
सुरभित शीत बयार,
घन गरजे चपला संग,
आने को बरसात,
विरहनी भरा मन उमंग।
ताड़-तरु खग-विहग
संग पूर्वा,लगी गाने,
कूके कोयल, मोर,
प्रकृति भी नाचे संग-संग।