नज़्मों में लिखकर नीलम नाम तेरा, अनगिनत बार तेरी छुअन को छुआ है मैंने।
बादल चाचा घड़ -घड़ करके, खेल रहे क्यों पानी में। बादल चाचा घड़ -घड़ करके, खेल रहे क्यों पानी में।
सब पढ़कर बनो महान। बच्चों पढ़ने में ही शान।। सब पढ़कर बनो महान। बच्चों पढ़ने में ही शान।।
जग-मग जग-मग कितने सारे, नभ पर चमके झिलमिल तारे। जग-मग जग-मग कितने सारे, नभ पर चमके झिलमिल तारे।
खोटा एक बिलौटा आया छीन बिल्ली से रोटी लाया। खोटा एक बिलौटा आया छीन बिल्ली से रोटी लाया।
दुनियादारी सोचकर मैंने, खुद को खूब समेटा आज अरमानों को पाने का जी चाहता है। दुनियादारी सोचकर मैंने, खुद को खूब समेटा आज अरमानों को पाने का जी चाह...
सुनो, है सब कुछ पास मेरे फिर भी कुछ नहीं है पास। सुनो, है सब कुछ पास मेरे फिर भी कुछ नहीं है पास।
अब तो दर्श दिखा दो कान्हा बैठे क्यों तुम दृग मींचे ?।। अब तो दर्श दिखा दो कान्हा बैठे क्यों तुम दृग मींचे ?।।
रंग मुरारि रचा सब के मन, स्नेह सुधा बरसाय रहीं हैं।। रंग मुरारि रचा सब के मन, स्नेह सुधा बरसाय रहीं हैं।।
पुष्प खिले मन अंचल। नीलम लोचन चंचल।। पुष्प खिले मन अंचल। नीलम लोचन चंचल।।
चाक समय का चले निरंतर!,ये कब रुकने पाया है!। गया पुरातन नूतन आया,हर्ष जगत में छाया है। चाक समय का चले निरंतर!,ये कब रुकने पाया है!। गया पुरातन नूतन आया,हर्ष जगत में...