नज़्मों में लिखकर नीलम नाम तेरा, अनगिनत बार तेरी छुअन को छुआ है मैंने।
अंतर्मन सहती है क्रंदन,नारी त्याग धर्म का स्मरण है। अंतर्मन सहती है क्रंदन,नारी त्याग धर्म का स्मरण है।
संग चली मधु गंध सुवासित धरा हृदय आज प्रफुल्लित। संग चली मधु गंध सुवासित धरा हृदय आज प्रफुल्लित।
नैना झुके- झुके से, साँसें रुकी -रुकी सी नैना झुके- झुके से, साँसें रुकी -रुकी सी
चैटिंग में अब छुपा प्यार जी! आभासी अहसास अपार जी। चैटिंग में अब छुपा प्यार जी! आभासी अहसास अपार जी।
करुण, वियोगी, चाहत ममता, प्रेम हर रूप में सुंदर लगता। करुण, वियोगी, चाहत ममता, प्रेम हर रूप में सुंदर लगता।
प्यार की राहें जटिल कंटीली, प्यार की राहें जटिल कंटीली,
क्या भावुकता ने अटका दी, तेरे जीवन की गति स्पष्ट? क्या भावुकता ने अटका दी, तेरे जीवन की गति स्पष्ट?
समझो निजवाचक सर्वनाम को ही यह वाक्य में दर्शाए। समझो निजवाचक सर्वनाम को ही यह वाक्य में दर्शाए।
आँख 'नीलम' तुम्हारी करें सब बयां राज दिल में दबाने से क्या फायदा। आँख 'नीलम' तुम्हारी करें सब बयां राज दिल में दबाने से क्या फायदा।
धा, शेर, सांप, मगरमच्छ कुछ भी पालें। जीना हो जो सुखद, तो इश्क का तोता न पालें। धा, शेर, सांप, मगरमच्छ कुछ भी पालें। जीना हो जो सुखद, तो इश्क का तोता न पालें...