मृगतृष्णा
मृगतृष्णा
शांति से विचार करो
जो तुम्हारा है, वो तुम तक आएगा
जो तुम्हारा नहीं
वो आज नहीं तो कल फिसल जाएगा
वहाँ वक्त जाया मत करो
सिवाय निराशा के, कुछ नहीं हाथ आएगा
कुछ रिश्ते उम्र भर का दर्द देते हैं
आपकी भावनाओं से ताउम्र खेलते हैं
मृगतृष्णा के इस जाल से बच निकलो
जो आज तुम्हारा है, वहॉं बाँह फैलाओ
उनसे मिलो और अपना बनाओ।
