उनकी याद आयी
उनकी याद आयी
जब अकेले रहे तो उनकी याद आयी
जब अँधेरा हुआ तो उनकी याद आयी
जब चोट लगी और दवा खुद लगाई तो उनकी याद आयी
जब भूख लगी तो उनकी याद आयी
ज़िन्दगी कितनी आसान लगती है
उड़ने की चाह होती है
मगर उड़ने के बाद जो पीछे छूट गया उनकी याद आयी
जब गिरा और कोई उठाने नहीं आया तो उनकी याद आयी
तभी लगा की एक इंसान ऐसे कैसे हो सकता है
जो इतना मतलबी कैसे हो सकता है
जो अपने से ज़्यादा अपने बच्चों के बारे में सोचे
उसके हर छोटी बड़ी चीज़े को देखे
अपने खाने की चिंता न करते हुए
अपने बच्चों के बारे में सोचे तभी तो उसे माँ कहते है
जो अपने बारे में कम अपने बच्चों के बारे में ज़्यादा सोचती है।।