एक बेचैनी ...
एक बेचैनी ...
मन घबरा रहा है, डर हमें लग रहा है
व्याकुलता से घिरा हमारा मन जा रहा है
एक अलग सी ही बेचैनी हो रही
खुदा के सामने हाजिरी हो रही है
परिणाम क्या होगा इस बात का डर है
चाहकर भी विश्वास ना रखा जा रहा है
भगवान का हमें सहारा चाहिए
उसकी कृपा का वास चाहिए
सकारात्मकता का एक उजाला चाहिए
नकारात्मकता का हमें बदलाव चाहिए
एक उम्मीद की किरण हमें जगानी है
हमें अपनी किस्मत चमकानी हैं
जो होगा देखा जाएगा
मेहनत करी है तो फल अच्छा ही आएगा
परिणाम क्या होगा वह हमारे हाथ में नहीं है
मेहनत हमें करके उस परिणाम को अच्छा करना है, बस हाथ में हमारे यही है
बस हाथ में हमारे यही ।।
