गुरु की महिमा
गुरु की महिमा


बिना जिनके हम होते ना कुछ भी
जिनकी हमें जरूरत है अब भी
ज्ञान से हमें प्रज्वलित जिन्होंने किया है
गलती पर डांटा है तुम मुश्किल में सहारा भी दिया है
डांटते हैं वह इसलिए ताकि वह गलतियां ना हम दोहराए
वह महान है यह हम बार-बार कहते और मानते जाएं
वह रूठ जाए तो भगवान भी सहारा ना देते है
आखिर वह भगवान के दर्जे पर ही तो होते है
ज्ञान और सिर्फ किताबी नहीं, सामाजिक भी सिखाते हैं
वह हमें जिंदगी की सीख भी दे जाते हैं
उनको हम शत- शत नमन करते हैं
गुरु को हम सब मिलकर प्रणाम करते हैं ।।