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Swati Grover

Abstract Inspirational

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Swati Grover

Abstract Inspirational

वक्त

वक्त

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वक्त ही तो नहीं है मेरे पास

जब वक़्त था तो

ईंट-पत्थर गिन-गिनकर जोड़ता रहा

अपनी कितनी ही ख्वाहिशों के पीछे भागता रहा

सुख-सुविधा जुटाने भर को

जीवन का उद्देश्य बना दिया

संतुष्टि की वाणी को सुना नहीं

थक गया था फ़िर भी किसी से कहा नहीं

किसी रूठे को नहीं मनाया

अपने को ठीक से गले नहीं लगाया

क्षमा रूपी धन खर्च नहीं किया

किसी निर्धन को कोई दान नहीं दिया

ईश भक्ति का कोई पल नहीं है

साध-संगत का कोई कर्म नहीं है

आज मृत्यु बहुत क़रीब है

बहुत कुछ कहना है अपनो से

पर समय का पंछी नहीं सुनता कोई बात

एक पछतावा जब जीवन था

तब भी थी प्यास और आज भी मन उदास

क्योंकि अब वक्त ही तो नहीं है मेरे पास !!!


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