बहु जैसे गैया
बहु जैसे गैया
मां तू कितनी किस्मत वाली है।
तेरी बहू तो बिल्कुल गऊ सी है
फ्रिज में कुछ ना बचता वह सब कुछ खा जाती है।
सुबह से खुद ही बाहर निकल जाती और शाम को ही वापस आती है।
मां तू कितनी किस्मत वाली है।
तेरी बहू तो बिल्कुल गऊ सी है।
पूरे मोहल्ले की शान बढ़ा दी उसने
सबसे ज्यादा दहेज लाई है।
सहेज ले सामान को जो मांगा था तूने।
गैया तो तू मरखनी और कटखनी लाई है।
मैया तू तो कितनी किस्मत वाली है।
तेरी बहू तो बिल्कुल गौ सी है।
मैया अपने सपनों के लिए तूने मेरा क्योंकर बलिदान दिया।
थोड़े से सामान की खातिर तूने
मुझको भी खूंटे से बांध दिया।
अब सींग दिखाकर वह डराती सबको
करती वही जो उसने ठान लिया
मैया एक बार तो मेरा भी सोच लेती भला तूने क्योंकर गोदान लिया।
मैया तू तो कितनी किस्मत वाली है।
तेरी बहू तो बिल्कुल गौ सी है।
मैया घर छोड़ कर भाग जाऊंगा
तू खुद संभाल अपनी गैया।
तब तू ने नहीं सोचा मेरा।
अब तो मैं कैसे तेरा सोचूं मैया
बेटा तो छोड़ कर घर चला गया
खड़े-खड़े सोचे मैया।
घर पर सामान से ज्यादा जरूरत एक बहू की थी।
क्यों कर वह घर में ले आई गैया।
मैया सच में तू कितनी किस्मत वाली है।
तेरी बहू तो बिल्कुल गौ सी है।