गड़बड़ घोटाला
गड़बड़ घोटाला
ईश्वर हो या इंसान या हो संत
सभी है करते गड़बड़ घोटाला
कभी मतलब से तो
कभी अच्छे के लिए
करते हैं ईश्वर गड़बड़ घोटाला
मतलब से करता है इंसान
वह हो जाता है बेईमान
और कर देता गड़बड़ घोटाला
गड़बड़ घोटाला किए बिना
अब चलता नही राज पाट
ठाठ बाट बरकार है रखना
अय्याशी में कमी न करना
यही कराता गड़बड़ घोटाला।
