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Adv. Anjali Pandey

Abstract Romance

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Adv. Anjali Pandey

Abstract Romance

जब से तन्हा तुम छोड़ गए हो

जब से तन्हा तुम छोड़ गए हो

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ढूँढा है मैनें तुम्हें हर गली,

गलियारे और उस बहते गंगा के पानी में...


किये थे जिक्र जिनके तुमने

मुझसे कभी तुम्हारी बातों में...


और जब से तन्हा तुम छोड़ गए हो

मुझको इस दुनिया में...


तो सुनो बिन तुम्हारे अब रहती हूँ

मैं तन्हा हर पल अंधियारे में...!


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