बेटी तुम भी पढ़ लिख देखो, पिता यही समझाए। शिक्षा बने मशाल देश की, उजियारा फैलाये। बेटी तुम भी पढ़ लिख देखो, पिता यही समझाए। शिक्षा बने मशाल देश की, उजियारा फैला...
एक नयी जिज्ञासा फिर आएगी टूटने का नया दौर चलेगा जो पुनः गहरे तक बिखर जाएगी एक नयी जिज्ञासा फिर आएगी टूटने का नया दौर चलेगा जो पुनः गहरे तक बिखर जाएगी
तिल तिल कर मरता आया है जो मज़दूर उसको जीने का एक नया बहाना दे दो इंसान हो इंसान होने का थोड़ा फर्ज... तिल तिल कर मरता आया है जो मज़दूर उसको जीने का एक नया बहाना दे दो इंसान हो इंसा...
विविध व्यवधान दूर कर, गंतव्य सागर तक आती है विविध व्यवधान दूर कर, गंतव्य सागर तक आती है
तो सुनो बिन तुम्हारे अब रहती हूँ मैं तन्हा हर पल अंधियारे में...! तो सुनो बिन तुम्हारे अब रहती हूँ मैं तन्हा हर पल अंधियारे में...!
आशीर्वादों की वो "वर्षा " करते हैं, खाली "झोलियों" सबकी वो भर देते हैं, आशीर्वादों की वो "वर्षा " करते हैं, खाली "झोलियों" सबकी वो भर देते हैं,