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शिक्षा

शिक्षा

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अंधकार अज्ञान मिटाकर, ज्योति पुंज बन जाये।

शिक्षा बने मशाल देश की, उजियारा फैलाये।


चाहें मिलें निवाले कम पर, विद्या बहुत जरूरी है।

काज असंभव संभव करती, चाहे कुछ मजबूरी है।


क्षमताएं जीवन में भरकर, निर्बल सबल बनाये।

शिक्षा बने मशाल देश की, उजियारा फैलाये।


साक्षरता का दीप जरा सा, पथ को रोशन करता।

सही, गलत का भेद बताता, अमिट ज्ञान मन भरता।


बेटी तुम भी पढ़ लिख देखो, पिता यही समझाए।

शिक्षा बने मशाल देश की, उजियारा फैलाये।


तुम ही भविष्य हो भारत का, बात जान ये जाओ।

पढ़ लिखकर भारत का मस्तक, ऊँचा करते जाओ।


मेरा देश महान लिखो तुम, जब जब मन घबराए।

शिक्षा बने मशाल देश की, उजियारा फैलाये।


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