जिज्ञासा ही जननी अभिशाप औ उपहारी की, अच्छे हो या बुरे जहां के सभी अविष्कारों की। जिज्ञासा ही जननी अभिशाप औ उपहारी की, अच्छे हो या बुरे जहां के सभी अविष्कारों ...
अनायास ही भीतर से फिर यह प्रश्न है आता। अनायास ही भीतर से फिर यह प्रश्न है आता।
प्रदूषण के दानव से उसकी आज लड़ाई जारी है, माँ धरती को बचाने हेतु किसी आविष्कार की बारी है प्रदूषण के दानव से उसकी आज लड़ाई जारी है, माँ धरती को बचाने हेतु किसी आविष्कार क...
खुद को ना पहचान पाई , अंदर, अंधेरा ही अंधेरा था। खुद को ना पहचान पाई , अंदर, अंधेरा ही अंधेरा था।
पूरा पाषाण काल से इक्कीसवीं सदी में लाने वाली ही हमारी जिज्ञासा। पूरा पाषाण काल से इक्कीसवीं सदी में लाने वाली ही हमारी जिज्ञासा।
लोगो को जगाता हूँ। हाँ मै कवि हूँ रूठे मन को मनाता हूँ। लोगो को जगाता हूँ। हाँ मै कवि हूँ रूठे मन को मनाता हूँ।