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Upama Darshan

Drama Inspirational

5.0  

Upama Darshan

Drama Inspirational

आविष्कार

आविष्कार

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इंसान की रही सदा तमन्ना

परिंदे जैसा मैं उड़ पाऊँ

जब जी चाहे जहाँ जी चाहे

पंख फैला कर मैं उड़ जाऊँ


परिंदे के डैनो की ताकत

देख हुई जिज्ञासा भारी

हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज़ बना

नभ में उड़ने की, की तैयारी


मछली को जल में तैरते देख

उसने भी तैरना सीखा

नाव जहाज़ बना कर उसने

समुद्र को भी लाँघना सीखा


नदी के ऊपर बांध बना कर

जल को बहने से रोक लिया

पर्वतों को काट कर उसने

ऊँचाइयों को नाप लिया


गति के लिए ईंधन हेतु

भूमि से उसने तेल निकाला

गैस का उपयोग अनेक क्षेत्रों में

कर के सबको चकित कर डाला


दूर हुए जब अपने उससे

संचार को नया आयाम दिया

सात समुद्र पार हैं जो उनसे

जुड़ने का इंतज़ाम किया


जनसंख्या के बढ़ने पर

भूमि समस्या पर विचार किया

बहु मंज़िली इमारतों से

आवास निवारण उसने किया


प्रदूषण के दानव से उसकी

आज लड़ाई जारी है

माँ धरती को बचाने हेतु

किसी आविष्कार की बारी है


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