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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

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गुरु महिमा ( 41 )

गुरु महिमा ( 41 )

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मात-पिता और भगवान से बड़ा दर्जा है,

गुरु से बड़ा और कोई न है इस जहां में

गुरु बिना जीवन अंधकारमय हैं,

जीवन-पथ को सकारात्मकता देता है,

हर वह व्यक्तित्व वाला गुरु होता है,

आशीर्वादों की वो "वर्षा " करते हैं,

खाली "झोलियों" सबकी वो भर देते हैं,

गुरु की महिमा बड़ी है अपरम्पार,

हर लेते है हर दुख और अंधियारा,

हर अज्ञानी को ज्ञानी बनाते,

भटके राही को सही राह वो बताते,

ऐसे गुरु का मिलना है मुश्किल,

गर मिल जाए तो इस युग में 

हो जाए बेड़ा पार,

ऐसे गुरु महिमा को बारम्बार है प्रणाम !!



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