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Monika Baheti

Inspirational

4  

Monika Baheti

Inspirational

प्रेम

प्रेम

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प्रेम अर्थात् स्नेह, लगन,प्यार...

जान जाओ तो प्रेम एक प्यारी सी परिभाषा है

और ना जान पाओ तो प्रेम एक कठिन सी अग्नी परीक्षा हैं,

प्रेम दो दिलो और आत्माओं का ही मिलन नहीं,

बल्की दो मन के विचारो का एक दूसरे की भावनाओ का मेल हैं,

प्रेम मिल जाए तो अमृत रस,

प्रेम ना मिले तो विष का प्याला,

प्रेम सार्थक है, साधना है

प्रेम स्वार्थ नहीं,

प्रेम एक एहसास हैं भावना है

प्रेम नफ़रत भरा विकार नहीं,

प्रेम विश्वास से भरा एक रिस्ता है,

प्रेम कसमो और वादो पर टिका डगमग रिश्ता नहीं,

प्रेम एक तरफा हो या दो तरफ...

प्रेम बस दिल में डूबा एक प्रेमसागर है,

प्रेम प्रेम की माला रटू,

प्रेम एकऊ बार एकसु होए,

प्रेम मिले चाहे ना मिले,

वो प्रेम आखरी सांस तक निभाओ,

वो ही जग में साचो प्रेम होए।


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