जलेबी
जलेबी
आज कही दूर बनी वो मिठाई हैं,
जिसकी सुगंध बड़ी दूर से मेरे नाक तक पहुंच आई हैं,
हैं वो टेढ़ी-मेढ़ी, गोल-मटोल,रसभरी कितनी अदभुत मिठाई हैं,
उस मिठाई की महक के पीछे पागल हुई मैं पहुंच गई वहां जहां बनी वो मिठाई हैं,
हाय! देखते ही उसे वो आंखो से सीधा दिल में उतर आई हैं,
मुंह से लार टपक रही, दिल भी उसे खाने को हो रहा बेकरार हैं,
आगे लंबी लगी कतार है, बस अब उस जलेबी तक पहुंचने का मुझे इंतजार है,
पास ही में चासनी से गर्म गर्म निकल रही जलेबी, मन मचल रहा कढ़ाई से ही निकाल कर उसे खाने को,
हाय! वो कितनी रसभरी और चमकदार चमकीली-सी स्वाद से भरी मजेदार,
कितना सहूगी, कितना तडपेगा ये मेरा दिल,
बहुत हुआ, अरे ओ दुकानदार जल्दी से 1 किलो जलेबी का डिब्बा बना दे यार,
सर्दी में दूध संग जलेबी, चाय संग गरमा गर्म जलेबी लगती हैं बड़ी मजेदार,
गर्मी में दही संग जलेबी कराती हैं जन्नत का एहसास,
जलेबी हैं भारतीयों की सबसे पसंद वाली मिठाई,
अरे ओ मेरे यारो जब भी मेरे घर आना तो जलेबी का डिब्बा साथ जरूर लाना,
मैं करुँगी थाणी चोखी मनुहार खुद भी खाऊ थाने भी खडाऊ पेट भरार...