छांव है गर्म यहां आ कहीं और चलें। जाने ये किसका असर कि जल रहे हैं शहर जिधर भी जाओ म छांव है गर्म यहां आ कहीं और चलें। जाने ये किसका असर कि जल रहे हैं शहर ...
और पूछनी भी है तुमसे कि तुमने सजा किस किस बात की मुझे दी है। और पूछनी भी है तुमसे कि तुमने सजा किस किस बात की मुझे दी है।
तुम्हारी कदमों में और बसंती हवा आजाद पसन्द पवित्र मन में। तुम्हारी कदमों में और बसंती हवा आजाद पसन्द पवित्र मन में।
इसीलिए दिल को साफ़ कर देना नव वर्ष से पहले। इसीलिए दिल को साफ़ कर देना नव वर्ष से पहले।
जैसे बंजर जमीन पर, कोई गुलशन बन जाये ! जैसे बंजर जमीन पर, कोई गुलशन बन जाये !
मेरे जज्बातों को फिर से उगती हो कितनी खुदगर्ज हो तुम। मेरे जज्बातों को फिर से उगती हो कितनी खुदगर्ज हो तुम।