Pradeep Kumar Panda
Drama
जरा सा मुस्कुरा देना,
नव वर्ष से पहले।
हर गम को भुला देना,
न सोचो किस किस
ने दिल दुखाया,
सबको माफ़ कर देना,
क्या पता फिर मौका
मिले न मिले,
इसीलिए दिल को
साफ़ कर देना
हीरों का हार
राष्ट्र भक्त
पद्म के पद्मक...
खाटूश्याम
स्वतंत्रता दि...
15 अगस्त
शत-शत नमन
होली से पेहले
ज़िन्दगी
रिश्ते
धूप से रचेगा मंच धूप से रचेगा मंच
सारा कसूर हमारा था हमने ही तो हद से ज़्यादा इश्क़ किया था। सारा कसूर हमारा था हमने ही तो हद से ज़्यादा इश्क़ किया था।
मानव की मानवीयता का प्रतिहारी हूँ मैं, हाँ साँवरी हूँ मैं। मानव की मानवीयता का प्रतिहारी हूँ मैं, हाँ साँवरी हूँ मैं।
और चाहती है छोटा सा निवाला खैरात के सम्मान का आत्म सम्मान के नाम पर। और चाहती है छोटा सा निवाला खैरात के सम्मान का आत्म सम्मान के नाम पर।
सांस को तरसते भविष्य देश के । सांस को तरसते भविष्य देश के ।
पावस की घोर घटा देख सब नाच उठे, अधरों पर बैठी मुस्कान अब जागी है। पावस की घोर घटा देख सब नाच उठे, अधरों पर बैठी मुस्कान अब जागी है।
मुझको मेरी मांँ मेरी मांँ मांँ मेरी मांँ दे दो। मुझको मेरी मांँ मेरी मांँ मांँ मेरी मांँ दे दो।
हाँ, मैं एक कठपुतली हूँ.... प्रारब्ध की जीती जागती कठपुतली। हाँ, मैं एक कठपुतली हूँ.... प्रारब्ध की जीती जागती कठपुतली।
सपनों की उड़ानों से आगे की जीने में अधिकारों से आगे की। सपनों की उड़ानों से आगे की जीने में अधिकारों से आगे की।
बेखौफ होकर निडरता से जिंदगी बसर करना क्या इतना कठिन है औरत को औरत समझना। बेखौफ होकर निडरता से जिंदगी बसर करना क्या इतना कठिन है औरत को औरत समझना।
इंसान है इंसान रहने की कोशिश में है बेटा दिन में नौकर रात को शौहर ही गया। इंसान है इंसान रहने की कोशिश में है बेटा दिन में नौकर रात को शौहर ही गया।
जानते हो....जब से तुमसे..मिली हूँ.. तब से लेकर इस पल तक की.. जानते हो....जब से तुमसे..मिली हूँ.. तब से लेकर इस पल तक की..
योनि और पुरुष योनि और पुरुष
एक्सपर्ट भी कैसे जो राय बताते अपनी बातों में खुद उलझ जाते। एक्सपर्ट भी कैसे जो राय बताते अपनी बातों में खुद उलझ जाते।
उनकी चहचहाहट से गूंजा करता था जो घर सूना उसे जैसे कर जाती बेटियां...। उनकी चहचहाहट से गूंजा करता था जो घर सूना उसे जैसे कर जाती बेटियां...।
तोड़ तटबंध यादों का तूफान उमड़ा चांद मेरा बड़ा बैरी निकला। तोड़ तटबंध यादों का तूफान उमड़ा चांद मेरा बड़ा बैरी निकला।
फिर कौन कहता है कि माँ समझतीं नहीं ? वो माँ हैं जनाब वो सब समझती हैं। फिर कौन कहता है कि माँ समझतीं नहीं ? वो माँ हैं जनाब वो सब समझती हैं।
ए दोस्त, तेरा नाम उस दिन हर पन्ने पर सुनहरे अक्षरों में कुरेदा जाएगा। ए दोस्त, तेरा नाम उस दिन हर पन्ने पर सुनहरे अक्षरों में कुरेदा जाएगा।
कोई और न आएगा आंसू पोंछने, यहाॅं खुद ही रूठना और खुद को मनाना होता है। कोई और न आएगा आंसू पोंछने, यहाॅं खुद ही रूठना और खुद को मनाना होता है।
तेज से मैं बन ज्वाला हर तेरे बंधन दग्ध करुँगी। तेज से मैं बन ज्वाला हर तेरे बंधन दग्ध करुँगी।