खाटूश्याम
खाटूश्याम
"हाथ जोड़कर विनति करूँ
सुनियो चित्त लगाये,
दास आ गयो शरण मे
राखियो इसकी लाज।
धन्य ढूंढारो देश है
खाटू नगर सुजान,
अनुपम छवि श्री श्याम की
दर्शन से कल्याण।
श्याम श्याम नित मै रटू
श्याम ही जीवन प्राण,
श्याम भक्त जग मे बड़े
उनको करू प्रणाम।
खाटू नगर के बीच मे
बनयोआपको धाम,
फागुन शुक्ला मेला भरे
जय जय बाबा श्याम।
फागुन शुक्ला द्वादशी
उत्सव भारी होय,
बाबा के दरबार से
खाली जाएं ना कोई।
उमापति, लक्ष्मीपति,
सीतापतिश्रीराम,
लज्जा सबकी राखियो
खाटू के श्रीश्याम।
पान सुपारी इलायची
अतर सुगंध भरपूर,
सबभगतन की विनति
दर्शन देओ हुजुर।
आलूसिह जी तो प्रेम से
धरे श्याम का ध्यान,
श्याम भक्त पावे सदा
श्याम कृपा से मान।
