Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

KAVY KUSUM SAHITYA

Classics

3  

KAVY KUSUM SAHITYA

Classics

मर्यादा पुषोत्तम अवतार

मर्यादा पुषोत्तम अवतार

2 mins
802


छीरसागर शेषशय्या का त्याग, अवनि पर अवतार स्वीकार,

शेष विशेष ,ब्रह्मा ,वेद महेश छाया ,माया सेवक भ्राता मित्र परिवार !!           


विश्वामित्र, त्रिशंकु, हरिश्चंद्र दिलीप, अज, दसरथ सूर्य वंश का, हंस शौर्य त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम,

कौशल्या ,कैकई ,सुमित्रा ,की सुनी कोख चिंतित दशरथ कौन होगा कुल परम्परा का गौरव सूर्य बंशी राज कुमार ।।         



विनय किया गुरु वशिष्ठ से पुत्र प्राप्ति के कारक, कारण का जाना पृष्ठभूमि रहस्य प्रसंग,       

कुल गुरु कुल उद्धारक विश्वामित्र ने श्रृंगी से पुत्रेस्ठी यज्ञ करवाया।।  



यज्ञ की अग्नि से चरु दो हुए उतपन्न राजा दसरथ ने, कौशल्या कैकेयी को यज्ञ अग्नि का चुरू पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया,

कौशल्या, कैकेयी ने अपने अपने हिस्से के, चरु से एक एक भाग सुमित्रा को सौंप दिया।।



चैत्र मास नवमी तिथि मधुमास पुनीत मध्य दिवस का, शौर्य सूर्य पवन वेग गमकत संसार।।     

माँ दुर्गा की आराधना नव रात्रि के, शुभ सिद्ध रात्रि के कदमो का वरदान !!               



पृथ्वी,नभ, जल प्रकृति प्राणी में ख़ास खुशियाँ उत्साह संचार,

युग में हर्ष उल्लास दींन दयाला भये प्रगट कृपाला हर्षित पुलकित युग ब्रह्मांड !!              



देव करत स्तुति बाजे, दुंदभि अप्सरा गाये गान,

राम जन्म सुखी सब मर्म धर्म, मर्यादा का अवतार जनम लियो अयोध्या में राम !!         



दसरथ घर बाजे बधाई, कौशल्या कैकेई सुमित्रा वातशल्य में निहाल,

जनम लियो अयोध्या में युग तारण हार !!             



संत समाज राम गुण गावे, नगर गली गली नगर सजी संवरी एक दूजे से,

लोग बतावे आये प्रभु दसरथ प्रसाद गूंजे मंगल गान।।      


तारण हार अयोध्या में जनम लियो श्री राम,

घर घर शुभ मंगल आनंद बधाई बाजे सखिया गायें, मंगल सोहर खिले फूल पक्षी का कोलाहल।।   



नदियां झरना निर्झर निर्मल, कलरव करती युग भाग्य भगवान् के भाव में बहती,

कहती अयोद्ध्या में जनम लियो श्री राम !! 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics