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एक पैगाम

एक पैगाम

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बेटा-बेटी एक समान

(भावुकता में बहकर लिख दिया)


बेटे वाले को भी बधाई 

बेटी वाले को भी बधाई

आखिर...

इनसे ही तो जीवन में रौनक आई।


माना बेटियाँ किस्मत से मिलती है

वे किस्मत वाले होते है

जिनकी बेटियाँ होती है...

पर बेटे वाले का क्या???

बेटा भी उसी भाग्य से मिलता है...

बेटी का भाग्य!!!

भाग्य तो पति से होता है...

जब किसी का बेटा उस बेटी का भाग्य बनता है...

उसके हर-सुख का साथी बनता है...

पता नहीं क्यों पुरूष को ही...

सारे किस्से कहानियाँ तो बेटियों से ही शुरू होती है...

कह देते है बेटे ने माँ-बाप को छोड़ दिया

किसी को क्या पता कितना मज़बूर होगा वो बेटा!!

कारण फिर से वही सास-बहु, कलह कचहरी 

दोनो ही किसी की बेटी है...

पर अपना समय आने पर...

क्यों माँ और सास में अन्तर...

इसका कारण भी बेटी ही है!!!

बहु बेटी क्यों नहीं??

ताली एक हाथ से नहीं बजती!!

जैसा बोओगे वैसा काटोगे...

बेटी शादी के बाद

ननद नहीं बहन रहे...

बहु बेटी रहे...

आधे फसाद तो वैसे ही कम हो जायेंगें!!

बेटे भी शांति से जी पायेंगे...


चुटकले बन जाते है

पति का मजाक...

पत्नी की माँ का रौब...

सास का आतंक...

कहीं न कहीं औरत ही जिम्मेदार...

मैं औरत हूँ, बेटी हूँ, माँ हूँ...

जिंदगी भर की टीस… एक बेटी नहीं...

पर भगवान से क्या शिकायत!!!

कम से कम माँ तो हूँ 

दो बेटों की...

दो बेटियों के आगमन का सुहाना स्वपन...

बहु को बेटी बनाने के लिए खुद को माँ बनाना जरूरी...

बेटे के लिए ज्यादा कुछ नहीं बदलता

प्यार व लाड की जरूरत तो उसे है जो घर छोड़ कर आई है...

मतभेद हो सकते है

पर कोशिश करने में क्या हर्ज है...

अगर रिश्तों को ईमानदारी से निभाये...

तो किस्मत की बात ही नहीं उठेगी...

क्योंकि…

हर घर में बेटी से बेटा जुड़ता है 

बेटे से बेटी जुड़ती है।

यह तो जीवन चक्र है 

जैसे चलाओ चल जायेगा।

दूसरे से वह व्यवहार न करो जो स्वयं पसंद न हो।

आज के इस एकल परिवारिक जीवन में...

बेटा बेटी एक समान...

दोनों ही है घर की शान!!

जीवन नैया चलेगी बेहतर 

अगर रिश्तों को मिले सम्मान बढ़चढ़कर!!

अगर बेटी किस्मत है 

बेटा भी किस्मत है 

वह भी दो परिवारों का...

अगर...

बेटा, माँ-बाप, पत्नी के बीच सही सामंजस्य है!!

तो सब सुख ही सुख है...

आज लड़का-लड़की 

लालन-पालन 

पढ़ाई-लिखाई

जब कोई अन्तर नहीं 

तो कैसी किस्मत, किसकी किस्मत...

बेटा हो या बेटी 

किस्मत वाला / वाली वही 

जो करे माँ-बाप की सेवा,

वही माँ-बाप किस्मतवाले 

जिन्हे मिलता बच्चों से सेवा का मेवा।


अपना हाथ जगन्नाथ!

बाकी सब प्रभु के हाथ।

मिलेगा वही जो उसकी रज़ा 

किसी से न शिकायत 

किसी से न गिला।


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