डायनिंग टेबल
डायनिंग टेबल
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बहुत सामान सजाया मेज पर, क्यों कुर्सी अभी खाली है।
सजे हैं थाल भोजन के ,न घरवाले हैं न ही घरवाली है।।
बेतरतीबी है क्यों बिखरी हुई, गिरे सामान कुछ कहते हैं।
लगता है,दिवाले निकले रिश्तों के, न होली न दीवाली है।।
रखा खाना है मुहताज चाहत का,मगर हैं बेकद्रियां कैसी।
कहीं पर खाना नहीं ख्वाहिश कहीं पर 'मीरा'पेट खाली है।।