आयी रे बरसात
आयी रे बरसात
आयी रे बरसात है आयी।
मुनिया उसमें खूब नहाई।।
मुन्नू लेकर नाव आ गया।
कागज की थीं खूब तैराईं।।
भीगे सब आंगन में कपड़े।
मम्मी पकड़ें पापा पकड़ें।।
सब्जी बाले भीग रहे सब।
क्या करना सोच रहे अब।।
बरगद के नीचे वे आये।
भीग गये थे राहत पाये।।
साइकिल वाले भीग रहे हैं।
आँखें अपनी मींच रहे हैं।।
सूरज दादा गये नहाने।
ढूँढ़ रहे छिपने के बहाने।।
बक्सों से निकली बरसातीं।
दादी सबकी ओढ़ नहातीं।।
बिस्कुट नमकीन सीले-सीले।
दादा जी ने तब आलू छीले।।
बेसन घोल रही हैं नानी।
गर्म पकौड़ी तेल में छानी।।
चटनी बनाई जब बूआ ने।
मुंह फुलाए तब पूआ ने।।
हम भी करेंगे डिप डिप डिप।
पानी बरसा टिप टिप टिप।।
