जीवन में निरंतरता का महत्व
जीवन में निरंतरता का महत्व
कछुए और खरगोश की कहानी हम सबने सुनी है
कहानी सुनकर अपने ख्यालों में हमने एक और कहानी बुनी है
खरगोश की गति और कछुए की चाल दोनों की तुलना हम सबने की है
पर क्या समझ पाए हम सभी ? इस कहानी ने क्या सीख हमको दी है
मीलों का सफर ऐसे ही तय नहीं हो जाता निरंतरता जरुर रखना तुम
खरगोश को बड़ा गुरुर था अपनी तेज गति की चाल पर
उसने तुच्छ समझकर किया था छोटे से कछुए को नजरअंदाज
भ्रम टूटा और फिर वो खरगोश अपने ही आलसपन से हार गया था
धीमी चाल से ही सही वो नन्हा कछुआ हारी हुई बाज़ी भी जीत गया था
मीलों का सफर ऐसे ही तय नहीं हो जाता निरंतरता जरुर रखना तुम
वो कछुआ भी क्या खूब सीख दे गया जीवन में
जनाब हुनर की कीमत कम और हौसलों की ज्यादा होती है
चाल मेरी धीमी थी तो क्या हुआ चलने को मैं लगातार तैयार था
माना छोटे –छोटे से कदम चल रहे थे मेरे पर मैं कभी नहीं लाचार था
मीलों का सफर ऐसे ही तय नहीं हो जाता नि
रंतरता जरुर रखना तुम
सत्य भी कछुए की चाल सी धीमी जरुर होती है
पर आखिरकार जीत भी तो हमेशा सत्य की ही होती है
कछुए का जीवन निरंतरता एवं प्रयासरत जीवन को दर्शाता है
दुनिया की परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहना यही हमें सिखाता है
मीलों का सफर ऐसे ही तय नहीं हो जाता निरंतरता जरुर रखना तुम
सुस्त बहुत पर दौड़ जीतना वह जानता है
कहानियाँ सुनी सबने वह आराम से चलना मानता है
शुरुआत धीमी ही सही पर निरंतरता अंत में जीत दिलाती है
कछुए और खरगोश की कहानी हम सबको जीवन की यह सीख दे जाती है
मीलों का सफर ऐसे ही तय नहीं हो जाता निरंतरता जरुर रखना
कहानी हो या वास्तविकता जीत हम सब जानते हैं
बिना रुके मंजिल की ओर बढ़ना इस निरंतरता को मानते हैं
आज अपनी अनंत यात्रा पर जा रहा हूँ बात ये याद रखना तुम
मीलों का सफर ऐसे ही तय नहीं हो जाता निरंतरता जरुर रखना तुम