हमारा गणतंत्र
हमारा गणतंत्र
कटी गुलामी की जंजीरें, भारत जब हो गया स्वतंत्र।
26 जनवरी 1950 को, घोषित हुआ तब गणतंत्र।।
सत्य अहिंसा सत्याग्रह पर, गाँधी का अनुरोध पुरजोर ।
लौटे जब अंग्रेज, स्वदेशी हुए सभी तब आत्म विभोर।।
देश प्रेम के दीवानों ने जब, गोली खाई अपने सीनों पर ।
सुखदेव, भगत, आजाद गये थे, लटकाये संगीनों पर।।
याद शहीदों की कुर्बानी कर, हम मान बढ़ाते हैं उनका।
अधिकार मिले हमें संविधान से,
अब देश हमारे ही मन का।।
लोकतांत्रिक हुई व्यवस्था,जनता का यहाँ राज है।
है विधान अब अपना 'मीरा' मतदाता सरताज है।।
लोकतंत्र ये राजतंत्र न, कभी बन जाए कहीं छद्म वेश धर।
जन विवेक ही रोक रखेगा, सही जगह पर मत निवेश कर।।
आओ सब मतभेद भुलाकर, हम एक-दूसरे को समझें।
आजादी गणतंत्र समन्वित, प्रजातंत्र अक्षुण्ण है हित में।।
