गजल(बदलाव)
गजल(बदलाव)
राह बदलूं जा रास्ता बदलूं,
बेहतर है राहगिर बदल लूं।
दर्द ऐसा है जो जाता नहीं
रोग बदलूं या दवा बदल दूं।
खुद से झगडता हूं आईना देख कर,
अब खुद को बदलूं या आईना ही बदल दूं।
प्रार्थना भी कामयाव नहीं हो पाई,
अब शब्द बदलूं या देवता बदलू ।
जिंदगी चल रही है खफा खफा,
आपने आप को बदलूं या असूल बदल दूं।
सब कुछ बदल के देख लिया सुदर्शन न दूनिया
बदली न दस्तूर बदले।
यही सच्चाई है,
दूनिया के संग तू भी बदलता चल।
मत बदल इज्जत ईमान अपना बस दूनिया संग
रंग बदलता चल।
