अपने कुविचारों को कुछ पल के लिए छिपाते हैं, अपने कुविचारों को कुछ पल के लिए छिपाते हैं,
क्या पता आज रिश्ते निभाते निभाते कहाँ पहुँच गये हम॥ क्या पता आज रिश्ते निभाते निभाते कहाँ पहुँच गये हम॥
तुम बदलते मौसम की तरह हर बार मुझसे टकराते हो हर बार एक नई सी मोहब्बत, मौसम सी कर जाते तुम बदलते मौसम की तरह हर बार मुझसे टकराते हो हर बार एक नई सी मोहब्बत, मौसम सी...
जिन्दगी है झूठी, झूठा है सारा रिश्ता फिर भी निभाते हैं ऐसे रिश्ते, जिन्दगी है झूठी, झूठा है सारा रिश्ता फिर भी निभाते हैं ऐसे रिश्ते,
फिर एक अटूट बंधन में बांध लेते हैं ये रिश्ते अहमियत अपनी खास बना लेते हैं ये रिश्ते फिर एक अटूट बंधन में बांध लेते हैं ये रिश्ते अहमियत अपनी खास बना लेते हैं ये ...
मम्मी-पापा आप मेरे हमसफर हो, हर वक्त साथ निभाते मेरा हो। मम्मी-पापा आप मेरे हमसफर हो, हर वक्त साथ निभाते मेरा हो।