मौसम
मौसम
तुम मोहब्बत भी मौसम की तरह निभाते हो
कभी बरसते हैं तो कभी एक बूंद को तरसाते हो
तुम मोहब्बत भी मौसम की तरह निभाते हो,
कभी जैसे कोई अनजान हवाएं मुझसे टकराती हो,
कभी तुम अनजान बन सामने से गुज़र जाते हो
तुम बदलते मौसम की तरह हर बार मुझसे टकराते हो
हर बार एक नई सी मोहब्बत, मौसम सी कर जाते हो
तुम मोहब्बत भी मौसम की तरह निभाते हो
कभी जैसे मुझसे कहनी हो तुम्हें कई बातें, तो
कभी मुझसे अनजान बन नाराज़ हो जाते हो
तुम मोहब्बत भी मौसम की तरह निभाते हो।।

