तुम्हारे बाद
तुम्हारे बाद
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तुम थी, बस, तुम थी
तुम गई चुपचाप गई
तुम्हारे जाने के बाद
दोपहर में, रातों में
तुमसे बातें होती हैं।
सवेरा तुम्हारा
जिसे अब मैं देखती हूँ।
रातों के उजाले
जिसमेें अब मैैं सोचती हूँ।
वो बातें करती हूँ तुुमसे
जो नहीं हुई कभी।
कल तुुुम जो मिलो,
न देखो तुम मुझे, न देखूं मैं तुम्हें
पर आज मैं तुम्हें देखती हूँ,
तुम्हें सोचती हूँ, तुम्हें ढूूँढती हूँ।
#SM Boss