पड़ाव
पड़ाव
ये क्या ‐---------
कैसा इन्तजार.....
ये मुस्कान भी कैसी ?
दिल में दर्द
आँखों में नमी भी होनी है
अभी है चमक, उजली सी ‐--
लौटना है , पर चल रहें हैं
आना है, और आ गए हैं ।
फिर जाना है
‐‐-------------- दूर
वापस आ-आ कर
जाना मुश्क़िल है
निकल गए तो आना मुश्क़िल है
आगे निकलना है सही
अभी--
एक पड़ाव ही तो चाहिए।
