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Anshumala .

Abstract Others

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दूसरी जिन्दगी

दूसरी जिन्दगी

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तुम न आती ज़िन्दगी में तो

जिन्दगी को सुनहरा ख्वाब समझ गए होते हम।

दिल को शीशे का बना, नाजुक बन होते हम।

अश्कों का सामना ना करते,

अपनी ही खिलखिलाहटो में खो चुके होते हम।

आकर मेरी ज़िन्दगी में अच्छा किया तुमने 

ज़िन्दगी को मेरी नव रूप दे दिया तुमने।


उन पन्नों को जिन्हें अनमोल समझ रहे थे हम 

एक ही पल में कोरा साबित कर दिया तुमने।

सतरंगी जीवन के अहसासों को काला कर दिया तुमने।

जिन भावनाओं की प्रस्तुति की क्षमता नहीं थी,

उन अहसासों से मुझे और मेरे दिल को घायल कर दिया तुमने।

शायद! दोष मेरा ही हो पर जिन्दगी में मेरी आकर,

जिन्दगी के  मेरा नजरिया ही बदल दिया तुमने।



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