हम
हम
इस ख़ामोशी मेें, इस सन्नाटे में,
कहीं तो कोई बात छुपी हैै ।
आंसुओ में तेेेरी, सांंसों मेें मेरी
कहीं ना कहीं,ज़ीने की चाह छुपी है।
परछाइयों के शोर में
जिन्दगी परेशान हैं,
जिन्दगी की ख़ामोशी पर
ये मन बड़़ा हैरान है।
दर्द क्योंकर सहते हैं ?
यह हमेशा सोचते हैं ।
किसे जवाब देना हैैं ?
क्योंकर जवाब देना हैैं ?
छुपाते हैं कयों हम, ये कभी पूूूछा क्यों नहीं ?
पता है हमें, हमेें सब पता है,
तुम्हारी इन उलझनों में, मेरी तन्हाइयों में,
सिर्फ मोहब्बत बस मोहब्बत छुपी है।
#SM Boss

