तुम जो आओ तो
तुम जो आओ तो
तुम जो आओ तो
मुस्कुराहट वापस आती है
हर शिकन चेहरे से
मानो भाग जाती है
तुम जो आओ तो
बातों का सिलसिला चलता है
सिले हुए ओठों पर से
मानो ताला खुलता है
तुम जो आओ तो
रातों में महफिलें जमती है
थके हुए रूह से
मानो जवानी उछलती है
तुम जो आओ तो
मौसम भी रूख बदलते है
मुरझाए हुए पत्तों से
मानो सरसराहट होती है

