STORYMIRROR

Supriya Devkar

Romance

3  

Supriya Devkar

Romance

तुम जो आओ तो

तुम जो आओ तो

1 min
251

तुम जो आओ तो 

मुस्कुराहट वापस आती है 

हर शिकन चेहरे से 

मानो भाग जाती है 


तुम जो आओ तो 

बातों का सिलसिला चलता है 

सिले हुए ओठों पर से

मानो ताला खुलता है 


तुम जो आओ तो 

रातों में महफिलें जमती है

थके हुए रूह से 

मानो जवानी उछलती है 


तुम जो आओ तो 

मौसम भी रूख बदलते है 

मुरझाए हुए पत्तों से 

मानो सरसराहट होती है 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance