मोहब्बत
मोहब्बत
कभी मुझे हँसाते हो,
कभी रुलाते हो,
बिन बात के तुम
मुझे कितना सताते हो।।
कहूँ मैं अपनी बाते दिल के,
बोल ना पाऊँ, बताऊँ लिख के,
मैंने करी हैं मोहब्बत तुमसे,
तू चाहत है मेरी, तू ये क्यूँ ना समझें।
ऐसा भी क्या मांगा मैंने,
हक़ ही तो चाहा मैंने,
फिर मेरे दिल का दर्द बढ़ाते तो,
इस रिश्ते को खतम करने की बात चलाते हो।।
ना सोई मैं, ना आराम किया,
तुझे भोले का नाम दिया,
ना चाह कर भी मेरे प्यार को बदनाम किया,
ये तूने कैसा काम किया।
तू मेरी थोड़ी सी तो कदर कर,
ज्यादा नहीं, थोड़ी सी तो फिकर कर,
कहती हैं शायरा-
मेरा प्यार तो कम नहीं होगा,
प्यार मुझसे तू भी टूटकर कर।।

