एक कहानी
एक कहानी
हैं ये एक अद्भुत सी कहानी,
एक था अंजाना और एक थी अंजानी।
बात हैं उस समय की हैं जब,
प्यार का असर हवाओ में था,
चर्चा मुहबत का फ़िज़ाओं में था।।
देखा देखी भी तो कहाँ हुई थी,
सोचा भी ना था मोहबत वहाँ हुई थी।।
ज़ोर के बादल गरजे थे उस रोज़ वहाँ,
चाँदी के बूंदें जैसे सब कर दे तबाह।।
तूफ़ान ने भी बोहोत शोर मचाया था,
किस बात का संकेत था, किस डर का साया था।।
मै लड़ता रहा हालातो से किसी माजी की तरह,
कब लगेगा पार इस इंतज़ार में था,
हिम्मत कहाँ टूटी थी मेरी,
मेरी जीत तुफान के हार में था
ये तुफान, ये बादल तो मुश्किले हैं मेरी,
असल में तो मै उस परी के प्यार मे था।।
प्यार हुआ था इस कदर,
की दुनिया किसी छैली सी लगी,
इतना पवित्र था ये प्यार,
की जन्नत भी मैली सी लगी।।
वक़्त ने दिखाये कई रंग रूप,
कभी छाव तो कभी कड़ी धुप।।
लड़कर तुफानों से करी थी जीत हासील मैने,
दुआ करती हैं वो इस बात से वाक़िफ़ था मै।।
फूल बगीचों में खिल चुके थे,
हम एक दूजे से मिल चुके थे,
छठ चुके थे वो काले बादल,
अब खुशियो ने फैलाया आंचल,
आकर करीब जो थामा हैं हाथ,
दो वचन आजीवन निभाने का साथ।
ये उस अंजाना और अंजानी की कहानी थी,
जिन्होंने प्यार में कभी हार ना मानी थी।।