मैं जिस दिन भुला दूँ
मैं जिस दिन भुला दूँ
बड़ी दिल्लगी से कलम ने कहा,
मैं राह तेरी, तू मंजिल मेरा।
रंग दूँगी, मैं कुछ तुझे इस तरह,
तू हमेशा रहेगा, मेरा बस मेरा।
की जब जब चलूँ मैं
तू हो साथ मेरे।
जो रुक जाऊँ तो
बन जाऊं साया तेरा।
की जब जब थामेगा, कोई हाथ मुझको,
तब तब लिखूंगी मैं कोई दास्तान।
ना कोई होगा इस जिंदगी में।
तेरे सिवा, बस तेरे सिवा
गाना
मैं जिस दिन भुला दूँ, तेरा नाम दिल से
वो दिन आखिरी हो मेरी जिंदगी का
फ़िल्म
पुलिस पब्लिक