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Minal Aggarwal

Romance

3  

Minal Aggarwal

Romance

प्रीत का पंछी

प्रीत का पंछी

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एक छोटा सा 

अहसास

दिल में उपज रहा है 

कली सा खिल रहा है 

पत्ता पत्ता 

डाली डाली 

एक चिड़िया सा

चहक रहा है

हवा संग इठला रहा है

गीत कल कल करती

बहती नदी की धार सा

गुनगुना रहा है

प्रीत का पंछी पंख

फैला रहा है

सारी कायनात को अपने

आंचल में समेट

हौले हौले उड़ता हुआ

न जाने कौन सी दिशा जा

रहा है।



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