नारी की गौरव देने की कोशिश कीजिए नारी की गौरव देने की कोशिश कीजिए
क्या पता आज रिश्ते निभाते निभाते कहाँ पहुँच गये हम॥ क्या पता आज रिश्ते निभाते निभाते कहाँ पहुँच गये हम॥
जिंदगी को सहेजकर रखने का संकल्प लिया था कभी। जिंदगी को सहेजकर रखने का संकल्प लिया था कभी।
हम भी नहीं सहमे कभी पर कोई एहसास ना था हम भी नहीं सहमे कभी पर कोई एहसास ना था
सो कर उठने पर लगता है सपना है शायद सो कर उठने पर लगता है सपना है शायद