अपने मन की इच्छाओं से, उसका भार उठाया जाए। अपने मन की इच्छाओं से, उसका भार उठाया जाए।
तेरे होने से मैं खुद को रानी समझ लूँ मेरे ताज का कोहिनूर बन जा तू तेरे होने से मैं खुद को रानी समझ लूँ मेरे ताज का कोहिनूर बन जा तू
अपने कर्मो को ऐसा बना लेंगे हम मिली भलाई तो सर को झुका लेगें हम! अपने कर्मो को ऐसा बना लेंगे हम मिली भलाई तो सर को झुका लेगें हम!
अच्छे और बुरे व्यवहार से बच नहीं पाओगे अच्छे और बुरे व्यवहार से बच नहीं पाओगे
अब मुझे कुछ भी नहीं कहना मुझे चुप ही रहना रहने दो छोड़ो मुझे चुप ही रहना। अब मुझे कुछ भी नहीं कहना मुझे चुप ही रहना रहने दो छोड़ो मुझे चुप ही रहना।
समझ वही सकता जो समझना चाहता है, न समझने वाले के लिए क्या अंकुश है। समझ वही सकता जो समझना चाहता है, न समझने वाले के लिए क्या अंकुश है।