मेरी ईबादत
मेरी ईबादत
1 min
220
मेरी आँखों का नूर बन जा तू
मेरे संगीत का सुर बन जा तू
इन बेपनाह मुहब्बत की कसम तुझको
मेरी मुकद्दर का गुरुर बन जा तू
हर साँसों में लिख दूं बस तेरा नाम
मेरे ज़िन्दगी का सुरूर बन जा तू
तेरे होने से मैं खुद को रानी समझ लूँ
मेरे ताज का कोहिनूर बन जा तू
तू ही सफर मेरा मंज़िल भी तू ही
मेरे ज़हन में फितूर बन जा तू
तेरी खुशबु मुझे जीने का एहसास दिलाती
मेरे इश्क़ का गूढ़ बन जा तू
इस 'रेशमा' की ईबादत तो सुनले
मेरी आशिकी में मजबूर बन जा तू।