STORYMIRROR

Reshma Majumder

Romance

2  

Reshma Majumder

Romance

मेरी ईबादत

मेरी ईबादत

1 min
212

मेरी आँखों का नूर बन जा तू

मेरे संगीत का सुर बन जा तू


इन बेपनाह मुहब्बत की कसम तुझको

मेरी मुकद्दर का गुरुर बन जा तू


हर साँसों में लिख दूं बस तेरा नाम

मेरे ज़िन्दगी का सुरूर बन जा तू


तेरे होने से मैं खुद को रानी समझ लूँ

मेरे ताज का कोहिनूर बन जा तू


तू ही सफर मेरा मंज़िल भी तू ही

मेरे ज़हन में फितूर बन जा तू


तेरी खुशबु मुझे जीने का एहसास दिलाती

मेरे इश्क़ का गूढ़ बन जा तू


इस 'रेशमा' की ईबादत तो सुनले

मेरी आशिकी में मजबूर बन जा तू।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance