कड़वा सच रिश्तों का....
कड़वा सच रिश्तों का....
ज़िन्दगी में काले घने बादलों का होना भी जरूरी है,
सच्चाई मालूम पड़तीं है कि
कौन खड़ा हैं साथ तेरे, और किसका साथ नहीं है।
विपदा के तूफ़ान हो तो सब खड़े होते कोने में,
देखोगे खुशियों की बौछार
सब अपने बन जाते है..
इसीलिए ज़िन्दगी में काले घने बादलों का होना भी जरूरी है।
जिन्दगी है झूठी, झूठा है सारा रिश्ता
फिर भी निभाते हैं ऐसे रिश्ते,
आएगा वो एक दिन जब थक जायेंगे
झूठे रिश्ते निभाते-निभाते,
इसीलिए ज़िन्दगी में काले घने बादलों का होना भी जरूरी है।
क्या हैं मेरा, क्या लेकर आई हूँ मैं, जिसमें मैं घमंड करूँ
मैं तो बस एक झूठी मुस्कान से भी खुश हो जाती हूँ।
