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Anand Kumar

Abstract

4.4  

Anand Kumar

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सुखदेव थापर

सुखदेव थापर

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सुखदेव, मातृभूमि के लाल तुम 

भारत माँ को तुमपर है नाज़

स्वतंत्र सांस लेते हैं हम जो 

तुम्हारा ही तो है परम त्याग।


वतन को याद रहोगे तुम 

जब तक हिमालय खड़ा है अडिग 

जब तक बहती रहेगी गंगा 

अमर रहेगा नाम तुम्हारा।


तिरंगे की शान बढ़ाई

मातृभूमि की आन बचायी 

देशभक्ति होती क्या तुमने सिखाई 

जन जन के हृदय में हिम्मत जगाई। 


झुके नहीं तुम जुल्मियों को आगे 

अंतिम श्वास तक आज़ाद रहे 

फांसी की बेदी को चुम कर तुमने 

देश को इंक़लाब का नारा दिया।


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