गांधी जी
गांधी जी
सत्य अहिंसा और त्याग का
जग को पाठ पढ़ाया था
सत्याग्रह की राह बताकर
तम को दूर भगाया था
देश बने सुंदर इस ख़ातिर
कचड़ा कूड़ा साफ किया
बाल्यकाल से दयावान थे
हिंसक को भी माफ़ किया
सुख समृद्धि देश मे फैले
ये था बस उनका सपना
दया प्रेम के संग सभी का
दुख लगता उनको अपना
सदा जीवन सोच बड़ी कर
बने देश मे सन्त महान
सत्य अहिंसा के बल पर
आज़ाद किया था हिंदुस्तान
थप्पड़ खाकर भी लोगो से
उनने हरदम प्यार किया
लाखों लोग जुटा इस तरह
इस भू का उद्धार किया
युद्ध हुआ कोई भी उसमें
इक जीता इक हारा है
ईर्ष्या द्वेष पाल ह्रदय ने
न समाधान स्वीकार है
लेकिन गांधी अस्त्र अहिंसा
से होती कोई हार नही
जश्न जीत का भी मनता
और होती काटा मार नही
सबको राह बताती प्रकृति
करके क्षमा महान बनो
पशु बदला लेते है जग में
इंसा हो इंसान बनो
नफरत द्वेष मिटाना है तो
ऋषभ यहाँ इतना करना
गांधी जी के पदचिन्हों संग
गांधी दर्शन को वरना