अमर शहीद
अमर शहीद
शहीद तुम अमर हो
तुम्हारी गाथा अमर है,
स्वतंत्रता के समर में
बलिदान तुम्हारा अमर है।
समर को एक नया-
आयाम तुमने दिया था,
आज भी, वो आयाम अमर है।
शहीद-ए-आज़म हो तुम,
जन-जन के मन में,
आज भी, तुम्हारी शहादत अमर है।
हर मानुष इस वतन का,
अपना शीश झुका,
आज, करता तुम्हे नमन है।