मैं शायर तो नही हूँ, पर जिन्दगी के कुछ सीख लिखता हूँ, लबों पर आ गई जो वो गीत लिखता हूँ, जो कभी न खत्म हो वो मीत लिखता हूँ, मुझे कहते है "अमित" कभी न हो शिकस्त वो जीत लिखता हूँ।
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