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शालिनी मोहन

Classics

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शालिनी मोहन

Classics

माँ

माँ

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दुनिया में सबकी प्यारी है माँ

सब के दिल की दुलारी है माँ

ममता की मूरत, भोली एक सूरत

दुनिया में सबकी ज़रूरत है माँ।


भूख लगे, दूध पिलाती है माँ

प्यास में, बारिश बुलाती है माँ

चोट लगे, मरहम लगाती है माँ

दूर रहो, पास बुलाती है माँ।


पास रहो, प्यार जताती है माँ

ज़िद करो, आँख दिखाती है माँ

रूठ जाओ, बहुत मनाती है माँ

हँसो, साथ खिलखिलाती है माँ।


आँखों में आँसू, सीने से लगाती है माँ

अँधेरे में, सौ दीये जलाती है माँ

घनी धूप हो, आँचल की छाँव बिछाती है माँ

हर बीज को, बरगद बनाती है माँ।


हाथों में दुआ, तिलक बन जाती है माँ

बद्दुआ ख़ुद पर आजमाती है माँ।


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